हाइकु : ओस प्रसंग
प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
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हाइकु : ओस प्रसंग
01.
भोर का बिम्ब
पंखुड़ी बन गई
ओस प्रसंग ।
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02.
कविता प्यारी
हरी पत्तियों पर
ओस सिहरी ।
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03.
धुल लिपटी
मुरझाई पंखुरी
ओस से धुली ।
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04.
रातें ठिठुरी
हरी देब पे मोती
निस्तब्ध पड़ी ।
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05.
हिमानी प्रीत
टपकती बूँदें ये
शाश्वत गीत ।
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06.
ओस झरती
पत्तियों पे ठहर
गीत सुनाती ।
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07.
ओस नवल
नव वर्ष का करे
भोर स्वागत ।
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08.
ऋतु हेमंत
रश्मि पी गयी ओस
प्रेम प्रसंग ।
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09.
ओस के भाग
गले मिलीं पंखुरी
धन्य ये साथ ।
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10.
ओस से स्नात
ठिठुरी पंखुरियाँ
ताजी गुलाब ।
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– प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
साहित्य प्रसार केन्द्र साँकरा
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