हां मिला है मुझे आज शायर-ऐ-कलाम मिला है मुझे… !!*!!
मिला है मुझे, हां मिला है मुझे,
आज शायर-ऐ-कलाम मिला है मुझे !
वो तरसती अदा, जैसे भरती हो आहे,
वो झुकी निगाहें, बेताब-सी बाहें !!
वो सिरसिरी पवन में रेशमी रुमाल,
चमकती धूप में गुलाबी से गाल !
आँखों में नशा और लबों पे शबाब,
चेहरे की रंगत या मौसम-ऐ-गुलाब !
आवाज़ है उसकी या संगीत-ऐ-तान,
दुनिया ही भूल जाऊ…
देखूँ ज़ब भी उसकी मदभरी मुस्कान !!
हां मिला है मुझे आज शायर-ऐ-कलाम मिला है मुझे… !!*!!
जिसके मिलने की ख्वाहिश की थी कभी,
उसके जज्बातों मे पिघले मेरे अरमान,
वो मस्ताने कदम ज़ब बढ़ते है मेरी ओर,
भूल जाता हूँ सारे मौसम-ऐ-ग़ुमान !
नाम कर दू मैं उसके, अपनी उम्र तमाम,
ख़ामोशी से सवारी है उसकी हर सुबह-शाम…!!
उसकी आँखों में दफन है, कई शायरों के राज,
ज़ब ये आँखे बात करें.. तो बनते है कई साज… !!
हां मिला है मुझे, आज शायर-ऐ-कलाम मिला है मुझे… !!*!!
❤Love Ravi❤