हाँ मैं शूद्र हूँ
हाँ मैं शूद्र हूँ
सही कहा तुमने आज
मैं औरत नहीं शूद्र हूँ
सच में हर रूप में शूद्र हूँ मैं
माँ के रूप में भी शूद्र हूँ मैं
क्योंकि
तुम्हारा मल साफ किया है मैंने
तुम्हारे मल से भरे कपड़े धोए हैं मैंने
कैसे भूल सकती हूँ मैं
तुम्हारे पेशाब के गीलेपन में
रात रात भर सोई हूँ मैं
क्योंकि मैं माँ नहीं शूद्र हूँ
हाँ मैं शूद्र हूँ
बहन के रूप में भी शूद्र हूँ मैं
बड़ी होने के नाते तेरा हर काम किया
छोटी होने के नाते तेरा हर कहा माना
जब हुए तुझे बच्चे तो सवा महीने तक
तेरे बच्चे का मल उठाया है मैंने
उनके मल से भरे कपड़े धोए हैं मैंने
क्योंकि मैं बहन नहीं शूद्र हूँ
हाँ मैं शूद्र हूँ
पत्नी के रूप में भी शूद्र हूँ मैं
बीमार होने पर तुम्हारी सेवा की
तुम्हारे झूठे बर्तन साफ किये
तुम्हारे मैले कपड़े सदा धोए
घर की सफाई की
और कूड़े को सिर पर रखकर फेंककर आई
क्योंकि मैं पत्नी नहीं शूद्र हूँ
हाँ मैं शूद्र हूँ
लेकिन मुझे इतना तो बता दो तुम
शूद्राणी के गर्भ से जन्म लेकर
शूद्राणी का दूध पीकर
तुम ब्राह्मण कैसे हुए?
शूद्राणी से राखी बंधवाकर
दुर्गा नवमी को शूद्राणी को भोजन करवाकर
तुम ब्राह्मण कैसे हुए?
शूद्राणी के संग सात फेरे लेकर
उससे अपनी वंश बेल को बढ़ाकर
तुम ब्राह्मण कैसे हुए?
तुम्हारी पहली गुरु भी शूद्राणी है
तुम्हारे आधे अंग की सांझी भी शूद्राणी है
फिर तुम ब्राह्मण कैसे हुए?
तुम वेदों के ज्ञाता हो
तुम यज्ञ हवन करते हो
इसीलिए तुम ब्राह्मण हो क्या?
कैसे भूल गए तुम
ब्रह्मा विष्णु महेश को पलने में झुलाया है मैंने
देकर त्रिलोकी को जन्म गोदी में खिलाया है मैंने
लेकिन फिर भी मैं कहती हूँ
हाँ मैं शूद्र हूँ
क्योंकि
अपने गर्भ से तुझ जैसे को जन्म दिया है मैंने
हाँ मैं शूद्र हूँ
हाँ मैं शूद्र हूँ
©® डॉ सुलक्षणा