हाँ मैं किसान हु
हां मै किसान हु
धुप मे मै खेती करता हु
और जब धुप लगे तो मै छाव कि तलाश मे
मै पेड़ के नीचे बैठ जाता हु
थोड़ा सुसताता हु
फिर अपने काम में लग जाता हु
सबके साथ मे बैठ कर खाना
ये न में जानु
सुखी प्याज और रोटी लेकर
खेत में बैठकर ही मैं खाउ
यू तो नही है आसान जिंदगी मेरी
हर वक्त टेशन मे मै रहता
बारिश न आने पर मैं डर जाता हु
सुखा न पड़ जाये मै सहम जाता हु
बिन बारिश के रहा भी न जाय
बेवजह की बारिश को सहा भी न जाए
खेतों की रखवाली मै करता
फसल अच्छी हो
इसलिए मै रात दिन एक करता
यही मेरा काम है
यही मेरी पूजा है
हाँ में एक किसान हु।
श्री रावत……