Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2022 · 1 min read

हाँथो में लेकर हाँथ

हाथों में लेकर हाथ कुछ दूर यूँ ही चला जाये
नजरों से बातें हो दिल को प्यार से फुसला जाये

बनके बारिश की छनछन फैले प्रीत की सरगम
बजाते अधरों से बांसुरी मन को यूँ बहला जाये

हो ना कभी रुसवाइयों का सहर ऐसी शाम न हो
फासला ना हो रिश्ते में ऐसे अहम को कुचला जाये

स्नेह का सागर हो मन, प्रीत का गागर हो दिल में
ख़ामोशी ना छाए इतनी भी खामोशी बदला जाये

दिल पे कभी भारी पड़े अहंकार ,गुस्सा या तृष्णा
प्यार और एहसास से दूर रिश्ते से फासला जाये

हाथों में लेकर हाथ कुछ दूर यूँ ही चला जाये
नजरों से बातें हो दिल को प्यार से फुसला जाये
ममता रानी

राधानगर, बाँका, बिहार

2 Likes · 2 Comments · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Rani
View all
You may also like:
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
shabina. Naaz
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
शाश्वत और सनातन
शाश्वत और सनातन
Mahender Singh
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
Rj Anand Prajapati
"संस्कार'
DrLakshman Jha Parimal
Life equations
Life equations
पूर्वार्थ
चार शेर मारे गए, दर्शक बने सियार।
चार शेर मारे गए, दर्शक बने सियार।
*प्रणय*
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
शेखर सिंह
Started day with the voice of nature
Started day with the voice of nature
Ankita Patel
3109.*पूर्णिका*
3109.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लिखता हूं जिसके लिए
लिखता हूं जिसके लिए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
सत्य कुमार प्रेमी
जीत कर तुमसे
जीत कर तुमसे
Dr fauzia Naseem shad
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
Jitendra Chhonkar
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
कवि दीपक बवेजा
घनघोर अंधेरी रातों में
घनघोर अंधेरी रातों में
करन ''केसरा''
" सवाल "
Dr. Kishan tandon kranti
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
खींचो यश की लम्बी रेख।
खींचो यश की लम्बी रेख।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वो दौर अलग था, ये दौर अलग है,
वो दौर अलग था, ये दौर अलग है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुख दुख जीवन का संगम हैं
सुख दुख जीवन का संगम हैं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
पावस की ऐसी रैन सखी
पावस की ऐसी रैन सखी
लक्ष्मी सिंह
सुर्ख कपोलों पर रुकी ,
सुर्ख कपोलों पर रुकी ,
sushil sarna
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
रुपेश कुमार
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...