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4 Feb 2018 · 1 min read

हस्रे भोजपुरी संगीत

भोजपुरी संगीत
कभी लगती थी मीत
हृदय को भाते सुन्दर
सुमधुर संस्कार भरे वो गीत
पर आज ये खीजाने लगा
सरीफों को सताने लगा।
आज तो बस
फुहड़ता का बोलबाला है
एक से भले एक गायक
कोई लाल कोई पीला
कोई काला है।
इनके स्वर में बस
अश्लीलता का बोलबाला है
जो मुह में आया
वहीं गा देते हैं
अपनी गायकी से ये
शर्म को शर्मा देते है।
कभी शारदा जी के गीत
हृदय में मीश्री घोलते थे
और आज के ये छूटपैये गायक
अस्मत का गाठ खोलते है
खता इसमें इनका नहीं
हमारा है,
आज यहीं गाने हमें
जान से भी अधिक प्यारा है
भोजपुरी संगीत से आज की
बस अश्लीलता झलकता है
भोजपूरी का ये हश्र देख
आंखो से अश्रू छलकता है।
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
4/2/2017

Language: Hindi
405 Views
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