हस्ती
रहगुज़र -ए-ज़ीस्त की उड़ती खाक
बनकर रह गया हूं ,
सोज़ -ए -दिल से जलकर
राख बनकर रह गया हूं ,
हसीन ख़्वाबों का फ़रेब-ए- सराब
बन कर रह गया हूं ,
मुजस्सम हक़ीक़त का
नक़ाब बन कर रह गया हूं ।
रहगुज़र -ए-ज़ीस्त की उड़ती खाक
बनकर रह गया हूं ,
सोज़ -ए -दिल से जलकर
राख बनकर रह गया हूं ,
हसीन ख़्वाबों का फ़रेब-ए- सराब
बन कर रह गया हूं ,
मुजस्सम हक़ीक़त का
नक़ाब बन कर रह गया हूं ।