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4 May 2023 · 1 min read

हस्ती

रहगुज़र -ए-ज़ीस्त की उड़ती खाक
बनकर रह गया हूं ,
सोज़ -ए -दिल से जलकर
राख बनकर रह गया हूं ,
हसीन ख़्वाबों का फ़रेब-ए- सराब
बन कर रह गया हूं ,
मुजस्सम हक़ीक़त का
नक़ाब बन कर रह गया हूं ।

Language: Hindi
330 Views
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