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7 Jan 2019 · 1 min read

हसीन लगते सभी चेहरे मुस्कुराने से

हसीन लगते सभी चेहरे मुस्कुराने से
तराने और सँवरते हैं गुनगुनाने से

छुपाओ लाख ही जज्बात अपने सीने में
न मानती हैं ये आँखें उन्हें जताने से

ये माना रोज रुलाती तुम्हारी यादें हैं
मगर बहलता भी दिल ये उन्हीं के आने से

बड़ा है कर्ज़ पिता और माँ की ममता का
चुकाया जा नहीं सकता कभी चुकाने से

है हार हार नहीं सीढ़ी है सफलता की
मिली है जीत हमेशा ही मात खाने से

पहाड़ टूटते रहते हैं दुख के जीवन भर
न रोक भाग्य को सकते सितम ये ढाने से

लगे ये ज़िन्दगी तुम बिन ख़िज़ाँ में बिखरी सी
बहार ‘अर्चना’ आती तुम्हारे आने से

07-01-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

1 Comment · 362 Views
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