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6 Oct 2020 · 1 min read

हसीनों की अदाकारी से बचिए

हसीनों की अदाकारी से बचिए
मुसीबत से समझदारी से बचिए

नहीं है फ़ायदा बदनाम होकर
नसीहत है रियाकारी से बचिए

किसी से मत मिलाना तुम नज़र भी
नज़र की बस गिरफ़्तारी से बचिए

भलाई से वफ़ादारी है अच्छी
बुराई की तरफ़दारी से बचिए

हमेशा सच ही जीता है जहाँ में
मगर है झूट बीमारी से बचिए

अकेले ही सफ़र पर ठीक जाना
बुरे के साथ तैयारी से बचिए

कभी भी मेहनतों से मुँह न मोड़ो
ग़रीबी और लाचारी से बचिए

किसी के दिल में हैं जज़्बात कैसे
सियासत से या सरकारी से बचिए

अदावत में कभी जो फंस गये तो
बड़ी है बात हुशियारी से बचिए

मज़ा तो अपने घर की रोटियों में
कोई भी शै हो बाज़ारी से बचिए

– डॉ आनन्द किशोर

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