हवा कौन करे
करूँ न मैं तो भला कौन करे
इत्ते किरदार अदा कौन करे
पसीने से हूँ तरबतर लेकिन
लगी है आग हवा कौन करे
किसी का गम अजीज हो बैठा
खुशी की यार रज़ा कौन करे
अभी तो खुद से ही परीशां हूँ
तिरी यादों को जवाँ कौन करे
कश्तियाँ सबकी हैं समंदर में
कहो लहरों से वफा कौन करे
दुश्मनों को भी अब नहीं फुरसत
मिरे मरने की दुआ कौन करे