हवा का रुख
हवा का रुख ही कुछ ऐसा था
कि आँचल सर से सरक गया,
और जमाने ने समझा
हम बेपरदा हो गए….।
कुछ पल ऐसे आते है
कभी कभी,
जिन्हें रोककर रखना चाहती हूँ,
कुछ देर के लिए
लेकिन वे ही पल
बीत जाते है बहुत जल्द
और मैं
जी भी नहीं पाती उन्हें
पूरी तरह…।