* हवाऐं बन्द कमरे की *
मैं उन्मुक्त हवाओं में घूमना चाहता हूं
मैं घटाओं को देखकर झूमना चाहता हूं
मैं धरती से आसमां चूमना चाहता हूं
पर मुझे ये रोक लेती है
हवाऐं बन्द कमरे की
किस तरह निकलूं मैं इस भंवर से क्या
क़यामत लायेगी हवाऐं बन्द कमरे की
फ़िज़ाओं में मज़ा होता है क्या ?
बताएं क्या ?
मेरी ये जान
ले लेगी हवाऐं बन्द कमरे की
बडी मासूम होती हैं
हवाऐं बन्द कमरे की
कोई पूछें कि उनसे
क्यों सितम ढाती हैं
हवाऐं बन्द कमरे की
निरे मासूम पर वो
मिरे मासूक पर वो
बडी तकलीफ़ देती हैं
हवाऐं बन्द कमरे की
मैं उन्मुक्त हवाओं में घूमना चाहता हूं
पर मुझे
वो रोक लेती है हवाऐं बन्द कमरे की
मिरी किस्मत में
शायद लिखा है घुट के मर जाना
बडा ये
ज़ुल्म ढाती हैं हवाऐं बन्द कमरे की
मैं उन्मुक्त हवाओं में घूमना चाहता हूं
मैं घटाओं को देखकर झूमना चाहता हूं
मैं धरती से
आसमान को चूमना चाहता हूं
मैं ग़मों के
समंदर से जूझना चाहता हूं
मैं उन्मुक्त हवाओं में घूमना चाहता हूं
बडी मासूम
होती है हवाऐं बन्द कमरे की ।।
?मधुप बैरागी