हवस में डूबा हुआ इस सृष्टि का कोई भी जीव सबसे पहले अपने अंदर
हवस में डूबा हुआ इस सृष्टि का कोई भी जीव सबसे पहले अपने अंदर के चरित्र के जमीर रूपी पोशाक को बाहर उतार फेंकता है भौतिक वस्त्रों को वो पहनते हुए भी वो हर रोज किसी दिन के उजाले और रात के सन्नाटे में अपने कपड़े उतार कर अपनी हवस रूपी ज्वाला को अपने ऐच्छिक क्रियाओं से शांत करता है।
RJ Anand Prajapati