“हवन कुंड”
जीवन एक हवनकुंड है,
जो समस्याओं की लकड़ियों से प्रज्जवलित है।
जिसमें मिलने वालीं, चुनौतियां भस्म होती हैं,
और जीवन यूं ही आगे बढ़ता है।
समस्याएं ना हो तो जीवन एक वीरान शमशान है,
जीवन जीना ही नीरस हो जाता है।
जीवन रूपी हवनकुंड को यूं ही जलने के लिए,
जीवन में समस्याएं आना भी जरूरी है।
आने वाली छोटी छोटी समस्यायें
हवन सामग्री की तरह है,
जो कुंड में जलकर हमारे जीवन को,
खुशबूदार बना देती है।
हवनकुंड से उठनेवाला धुआं,
छिपा लेता है हर बात को अपने आगोश में,
आने दो समस्याओं को,
जीवन को एक दमकता नूर देने को……..