“हल्दी-दूध”
“हल्दी-दूध”
*********
बोलो अब, उनासी -अस्सी;
टूट गई , अबकी सब रस्सी;
फिर गिर गई , बड़ा मचान;
चोट लग गई , अब रवि को;
बंद पड़ी सब , दवा- दुकान;
रवि पड़ा था , बेचारा बेसुध;
मां ने पिलाया तब हल्दी-दूध;
स्वस्थ हो , अब वो रहा कूद;
हल्दी-दूध होती, बहुत हेल्दी,
कष्ट दूर करे, ये बहुत जल्दी;
जो करे इसे , रोज ही प्रयोग;
रहे वो मानव,सदा ही निरोग।
… ✍️ प्रांजल
…….कटिहार!!