हर हर महादेव
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सब देवों के देव,
सारे जग में स्वमेव ,
उमापति महादेव, हर हर महादेव।
शिव ही कर्ता हैं,
शिव ही भर्ता हैं,
शिव ही धर्ता संहार करें। हर हर महादेव…
शिव ही ब्रह्मा हैं,
शिव ही विष्णु हैं,
शिव ही महेश्वर त्रिमूर्ति रहें। हर हर महादेव…
शिव ही रक्षक हैं,
शिव ही भक्षक हैं,
शिव ही सदा प्रेरक रहें। हर हर महादेव…
शिव आदि अंत हैं,
शिव ही अनंत है,
शिव सदा दिगंत रहे। हर हर महादेव….
सत्य ही शिव है,
शिव ही सुंदर है,
सुन्दरता चहुँ ओर भरे। हर हर महादेव…
शिव को राम प्रिय,
राम को शिव प्रिय,
हरि सेवा के लिए
शिव हनुमान बने। हर हर महादेव…
बायें अंग गौरा बिराजे,
गोद में गणपति प्यारे,
मस्तक चंद्र बिराज रहे। हर हर महादेव…
तन बाघम्बर,चिताभस्म रमे,
त्रिनयन, नीलकंठ भुजंग गले
विकट रूप विकराल बड़े। हर हर महादेव….
भूत-प्रेत, पिशाच सखे,
सदा श्मशान विहार करे,
गरल गल मुणडमाल धरे। हर हर महादेव….
अर्ध नंग,जटा गंग बहे,
डमरूधर बैल सवार रहे,
शुभ्र सौम्य त्रिशूल धरे। हर हर महादेव……
सत्य,सनातन, सुन्दर शिवे,
अन्तर्यामी स्वामी सबके,
प्रेम सुधा बरसात करें। हर हर महादेव…….
सत् चित आनंद भरे,
रसमय करूणामये,
भोलेनाथ कृपालु बड़े। हर हर महादेव…..
भज मन प्यारे, सांझ सबेरे,
पी लो शिव नाम के प्याले,
शिव शंकर हरेगें कष्ट तुम्हारे। हर हर महादेव……
????—लक्ष्मी सिंह ?☺