हर हर महादेव
हे त्रिपुरारी,हे शिव शंकर
अजर,अमर अविनाशी तुम
महाकाल उज्जैन के हो तुम
विश्वनाथ शिव काशी तुम
तुम सृष्टि के संकट हर्ता
पर दुःख हंता, मंगल कर्ता
लीला तेरी अदभुत हरिहर
तुम ही हो सुख पालनकर्ता
हे शशि शेखर,हे महेश्वर
हे शंभु, शिवा शक्ति प्यारे
तुम भस्म रूप,बिंदु,पिनाकी
हे अतुल कपाली,सबसे न्यारे
तुम जगत गुरु, तुम पशुपति
तुम पाश विमोचन,भूतपति
हे व्योम केश,हे गण स्वामी
हे नीलकंठ,कैलाश पति
हे शिव शक्ति,शक्ति के शिव
सृजनधर्मी,उद्धारक तुम
तुम अंत और तुम ही अनंत
आदि अनादि काल के तुम
वंदना,स्तुति,हवन,आरती
पोषण,सृजन,नमन तुम हो
व्याघ्रचर्म अविनाशी तुम हो
तुम नील कंठ सन्यासी हो
हे ओंकारेश्वर,हे त्र्यंबकेश्वर
हे महाकालेश्वर,नागेश्वर
मानव की पीर हरो प्रभुवर
हे जगदीश्वर,हे परमेश्वर