Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2022 · 1 min read

हर हक़ीक़त को

हर हक़ीक़त को ख़्वाब कर बैठे ।
बे’पनाह तुमसे प्यार कर बैठे ।।
तेरी ख्वाहिश है इस कदर हमको।
रूह को भी तेरे नाम कर बैठे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
12 Likes · 2 Comments · 597 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
प्रेम【लघुकथा】*
प्रेम【लघुकथा】*
Ravi Prakash
हमारा चंद्रयान थ्री
हमारा चंद्रयान थ्री
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"अ अनार से"
Dr. Kishan tandon kranti
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
अभाव और कमियाँ ही हमें जिन्दा रखती हैं।
अभाव और कमियाँ ही हमें जिन्दा रखती हैं।
पूर्वार्थ
हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
@घर में पेड़ पौधे@
@घर में पेड़ पौधे@
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
💐प्रेम कौतुक-302💐
💐प्रेम कौतुक-302💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विछोह के पल
विछोह के पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किससे कहे दिल की बात को हम
किससे कहे दिल की बात को हम
gurudeenverma198
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
Aryan Raj
"दुमका संस्मरण 3" परिवहन सेवा (1965)
DrLakshman Jha Parimal
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
है एक डोर
है एक डोर
Ranjana Verma
3048.*पूर्णिका*
3048.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
रंग हरा सावन का
रंग हरा सावन का
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
****शीतल प्रभा****
****शीतल प्रभा****
Kavita Chouhan
ये मतलबी दुनिया है साहब,
ये मतलबी दुनिया है साहब,
Umender kumar
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
निगाहें मिलाके सितम ढाने वाले ।
निगाहें मिलाके सितम ढाने वाले ।
Phool gufran
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"'मोम" वालों के
*Author प्रणय प्रभात*
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
When the destination,
When the destination,
Dhriti Mishra
इतनें रंगो के लोग हो गये के
इतनें रंगो के लोग हो गये के
Sonu sugandh
" फ़ौजी"
Yogendra Chaturwedi
Loading...