हर सफ़र में सफ़र की बातें हैं
हर सफ़र में सफ़र की बातें हैं
चंद सपने हैं, घर की बातें हैं
एक दरिया है आरज़ूओं का
बेवफ़ा हमसफ़र की बातें हैं
हर ख़बर की ख़बर जो रखता था
आज उस बे-ख़बर की बातें हैं
अब किसानों में और खेतों में
या फ़सल या ज़हर की बातें हैं
एक चिड़िया सभी के मन में है
इसलिए उसके पर की बातें हैं
इन पहाड़ों में आजकल केवल
इक नदी और लहर की बातें हैं
गाँव से तुमने लिख के भेजा है
गाँव में भी शहर की बातें हैं