सच मे बस गुजारा ही नजर आया मुझे
हर सूरत मे गवारा ही नजर आया मुझे
वो तारा था तारा ही नजर आया मुझे
जीतने वाला सिकंदर ही नजर आया
जो हारा वो हारा ही नजर आया मुझे
झूठ हमेशा चाक चौबंद ही देखा हमने
सच मे बस गुजारा ही नजर आया मुझे
वो दोस्त जब कभी भी मिला मुझको
कमतरी का मारा ही नजर आया मुझे
जितनी दफा मैने देखा उसे ऐ आलम
प्यारा और प्यारा ही नजर आया मुझे
मारूफ आलम