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8 Dec 2016 · 1 min read

हर सांस उनको तलाशा करते हैं

उनसे मिलकर एक बार, हर सांस उनको तलाशा करते है,
फिर कब उनका दीदार हो, इंतज़ार बेतहाशा करते हैं ।

नज़रें मोड़ लीं उन्होंने, पसंद नहीं आई तस्वीर हमारी,
अब हर दिन परत दर परत, खुद को तराशा करते हैं।

हमने वादा किया था खुदसे, उनको अपना बनाने का,
इसलिए ख़ामोशी में भी हम, उन्हें पुकारा करते हैं।

अब भी यकीन है दिल को, उनके लौट कर आने का,
आईने के टुकड़ों से छांटकर, हम दूर निराशा करते हैं।

—————शैंकी भाटिया
10 जुलाई, 2016

Language: Hindi
1 Like · 230 Views
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