हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
हर शक्स नहीं होता है तुम जैसा,
बाहर से भी बिलकुल अंदर जैसा।
तुम में है सादगी और भोलापन भी,
थोड़ी शरारत और थोड़ा सयानापन भी।
तुम करते हो बातें दिल को छू जाने वाली,
नहीं करते कोई भी बात किसी का दिल दुखाने वाली।
तुम्हारी क्या तारीफ़ करूं मैं और अब,
सुकून दे जाते हो मिलते हो मुझसे जब।
तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान करती है मुझे दीवाना,
तेरे दिल में ही है मेरा बस आशियाना।
रहना यूं ही सदा तुम पास मेरे,
कैसे कहूं कि तुम ही सबसे ख़ास मेरे।