हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
जो छोड़ के गए~ ना ली~ फिर लौट के खबर
कहते थे चांद ~तारो ~से संग~ संग रहेंगे हम
हो गए है याद करके~ उसको हम भी बेखबर
कृष्णकांत गुर्जर
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
जो छोड़ के गए~ ना ली~ फिर लौट के खबर
कहते थे चांद ~तारो ~से संग~ संग रहेंगे हम
हो गए है याद करके~ उसको हम भी बेखबर
कृष्णकांत गुर्जर