हर लम्हा खास है
मेरे दोस्त ज़िंदगी का हर लम्हा खास है।
तू हर पल इस तरह जी बस यही पल तेरे पास है।
बीता कल तो सिर्फ़ तुझको दर्द देकर जाएगा।
सिसकियाँ भरेगा तू और वह मुस्कुराएगा।परछाईयां बनके गम की न ढ़क ले उसे जो अब तेरे पास है।
आने वाला कल सिर्फ उम्मीदें जगाएगा,
बेहतर बनाने की आस में नींद भी गंवायेगा।
जी इस अंदाज़ में इस पल को तो तेरा आने वाला कल खुदबखुद बदल जायेगा।
ज़ी भर जी ले उसे जो जो तेरे पास है।
हर पल बुन तू ताबीर इस सुनहरे पल कि जो अब पास है।
पल-पल इस तरह चल जो लकीर बन जाये।
जी इस तरह ज़िन्दगी जो नज़ीर बन जाए।
हर खवाब हक़ीक़त मे बदल गुजर न जाए लम्हा भी बदले बिना।
इस बदलाव के फेर में गुजर न जाए कोई लम्हा भी मुस्कुराए बिना।
सारे बदलाव की वजह तेरी मुस्कान ही खास है।
तुझे तेरे रब ने उस हुनर से नवाज़ा है
तू बेनूर कलियों में भी रंग भर देगा।
जो बेइल्म रह गए उनको रोशन इल्मसे कर देगा।
तेरे इल्म की लौ ज़न्नत सा मुल्क कर देगी।
गरीब की झुग्गी भी रेखा इल्म से जगमग कर देगी।
उसे अपनी मेहनत और रब की रहमत का भरोसा खास है।