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24 Feb 2018 · 1 min read

हर रोज

हर रोज एक पन्ना पलट लेता हूँ
और जिन्दगी के मायने समझ लेता हूँ
ये रोज बदल लेती है अपना लिबास
आँखों में भर देती है इक नया खाब
इन खाबों में दुनियां ढूँढ लेता हूँ
अक्सर रातों को जगा करता हूँ
नींदे सजाती हैं खाब मेरे
इन खाबों में इतिहास बना लेता हूँ
रंग बिरंगी है दुनियां इसी उधेड़बुन बुन में
जिन्दगी में रंग भरा करता हूँ
हर रोज एक पन्ना पलट लेता हूँ
और जिन्दगी के मायने समझ लेता हूँ
ये रोज बदल लेती है अपना लिबास
आँखों में भर देती है इक नया खाब

Language: Hindi
493 Views
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