Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2021 · 1 min read

हर रोज रावण आ रहा

हर रोज रावण आ रहा (ग़ज़ल)
**************************

हर रोज सामने रावण आ रहा,
है ख़ौफ़ ही सदा मन में छा रहा।

उस रोज था जलाया लंकेश को,
फिर से कहाँ दशानन है आ रहा।

छूआ नहीं कभी आँचल नार का,
है कौन जो जुल्म जालिम ढा रहा।

तोड़ी नहीं मर्यादा उसने भी कभी,
है लूटता अस्मत अब वो जा रहा।

की लाख कोशिशें मनसीरत यहाँ,
है राम कौन रावण सा भा रहा।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पुष्पों का पाषाण पर,
पुष्पों का पाषाण पर,
sushil sarna
गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
अमित
" यादें "
Dr. Kishan tandon kranti
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
हर काम की कोई-ना-कोई वज़ह होती है...
हर काम की कोई-ना-कोई वज़ह होती है...
Ajit Kumar "Karn"
ओ गौरैया,बाल गीत
ओ गौरैया,बाल गीत
Mohan Pandey
पर्यावरण
पर्यावरण
Neeraj Mishra " नीर "
*मोती (बाल कविता)*
*मोती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
भारत का बजट
भारत का बजट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जन्म दिया माँबाप ने,  है उनका आभार।
जन्म दिया माँबाप ने, है उनका आभार।
seema sharma
योग्यताएं
योग्यताएं
उमेश बैरवा
कॉटेज हाउस
कॉटेज हाउस
Otteri Selvakumar
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
पूर्वार्थ
प्रेम.... मन
प्रेम.... मन
Neeraj Agarwal
रखी हुई है अनमोल निशानी, इक सुन्दर दुनिया की,
रखी हुई है अनमोल निशानी, इक सुन्दर दुनिया की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
रिश्ते में पारदर्शिता इतनी हो कि
रिश्ते में पारदर्शिता इतनी हो कि
Ranjeet kumar patre
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
Lokesh Sharma
In present,
In present,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हृदय द्वार (कविता)
हृदय द्वार (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
3548.💐 *पूर्णिका* 💐
3548.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
Atul "Krishn"
#भाजपा_के_भीष्म
#भाजपा_के_भीष्म
*प्रणय*
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
Shweta Soni
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
Rj Anand Prajapati
सार्थक जीवन
सार्थक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
Loading...