हर रास्ते की अपनी इक मंजिल होती है।
हर रास्ते की अपनी इक मंजिल होती है।
तूफां से लड़कर ही कश्ती साहिल लगती है।।1।।
किस नाम से पुकारूं मैं जिन्दगी तुझको।
तुझमें गम और खुशी दोनो शामिल होती है।।2।।
आब की चाहत में ये सेहरा तड़प रहा है।
मौत ही बस जिंदगीयो का हासिल होती है।।3।।
अकीदा करके खुदा से तू फरियाद कर।
हर मांगी दुआ में ये खुदाई नाजिल होती है।।4।।
कभी ना करना ऐतबार इन खुशियों पे।
अक्सर ये ही जिन्दगी की कातिल होती है।।5।।
जितना चाहो उतना ले लो कायनात से।
रोशनी तो सारे घरों में ही दाखिल होती है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ