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21 May 2023 · 1 min read

हर रात जब आँखें नींद से उठ जाती हैं,

हर रात जब आँखें नींद से उठ जाती हैं,
मन में गहरी उदासी छा जाती हैं।
खोयी हुई खुशियों की यादें जगाती हैं,
एक अजनबी तन्हा दिल को सताती हैं।

आँखों में बहते हैं अनगिनत आंसू,
हृदय को घेर लेती हैं तन्हाई की बातें।
क्या करूँ इस दर्द को जो जागता है,
खुद को जिंदा महसूस कराता है।

सब कुछ छूट रहा है दर-दर दिल का,
अकेलापन घेरा हुआ हैं मेरा मन का।
कहाँ चले गए सब वो खुशियाँ गहरी,
तन्हाई में उन्हीं की यादें हैं चाही।

रात और रात बितती हैं खामोशी में,
कोई तो बोलो मेरे दिल के अधीन।
मेरी रूह को सहारा दो कहीं से,
इस तन्हाई को बस थोड़ी राहत दो।

ये जिंदगी है कितनी अजनबी सी,
हर दिन देती हैं नयी चुनौती सी।
पर तन्हाई जो लिपटी है मेरे अंदर,
उसे खत्म कर दो, बस एक बार।

मेरी आंखों में नहीं है और आंसू,
सिर्फ अजनबी सी गहरी संवेदना है।
कहाँ जाए ये रातों की उम्मीद,
बस थोड़ी सी मुस्कान चाही।

जीना हैं मुश्किल तन्हाई के साथ,
पर ये भी वक्त बितेगा किसी रोशनी के साथ।
अपनी ज़िन्दगी को फिर से बसाना हैं,
इस तन्हाई को अच्छे दिनों से मिलाना हैं।

Language: Hindi
186 Views
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