हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
मर के जीना, तुझसे वादा, मेरी तो मजबूरी थी
रिश्तो के बंधन में सौदा, भूल तुम्हारी मेरी थी
मिल ना सका हमें, प्यार का तोहफा, किस्मत रूठी मेरी
उत्सुकता भरी प्रेम डाल पर, दे डाली मंजूरी थी
सभी दिखावा भ्रम जाल का, प्रीत की प्यास अधूरी थी
चाँद सी सूरत, प्रेम की मूरत बगियाँ बड़ी घनेरी थी
मिल न सका हमें, प्यार का तोहफा, किस्मत रूठी मेरी थी