हर फौजी की कहानी
सरहद पर बैठा एक फौजी सोचता है कि देश के लिए कुर्बान हो जाऊं ,
घर पर बैठे उसके बूढ़े मां-बाप सोचते हैं कि मेरा बेटा घर वापस कब आऐ ,
एक फौजी की बीवी सोचती है वह जल्दी वापस घर आए तो थोड़ा उसके साथ शॉपिंग करू थोड़ा घूमो थोड़ा मस्ती करू और उसे अपनी बाहों में इस तरह हमेशा के लिए समेट लू कि वो कभी वापस जाना पाय,
एक फौजी का बच्चा सोचता है कि मेरे पापा आए तो उनके साथ खेलकूद मस्ती करू बाजार के सब खिलौने अपने करू मेरे भी पापा सब की तरह मुझे स्कूल छोड़कर आए वापस लेकर जाए ,
मगर उस फौजी का क्या जिसने अपने जज्बात दिल में दफन कर के रखे ,
किसी को कुछ बताया ही नहीं ,
क्या पता है उसे कौन सी गोली पर उसका नाम लिखा है ,
वो फौजी देश की सेवा और सरहद की हिफाजत में मुस्कुरा रहा है दिल में अपने जज्बात दबा कर कुछ गुनगुना रहा कुछ गुनगुना रहा है ।
जय हिंद।