हर पल
तेरी छुवन के अहसास से हूँ मैं संदल संदल
इस तरह मुझ में समाए हो रग रग जल-थल।
धूप में छाँव में सहरा में मेरे साथ ‘नीलम’
वो मेरे साथ ही रहता है मुसलसल हर पल।।
नीलम शर्मा ✍️
मुसलसल-निरंतर
तेरी छुवन के अहसास से हूँ मैं संदल संदल
इस तरह मुझ में समाए हो रग रग जल-थल।
धूप में छाँव में सहरा में मेरे साथ ‘नीलम’
वो मेरे साथ ही रहता है मुसलसल हर पल।।
नीलम शर्मा ✍️
मुसलसल-निरंतर