हर पल जो साथ रहे
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* हर पल जो साथ रहे*
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चला गया एक वीर,
देकर आंखों में नीर,
यादों में बसा चेहरा,
दुःख दिया बड़ा गहरा,
कहानी किस्से याद थे जुबानी,
सब सुनते थे उसकी मीठी बानी,
धरा से जुड़ा धरा की धूल था,
गुणों में वह एक सुंदर फूल था,
कुछ पल जो साथ बिताए,
रह रह कर मुझको सताए,
तारो भरी थी एक रात,
जब शुरू की उसने बात,
तनिक सी ठहर गई रात,
हम सुन रहे थे होकर शांत,
जब भी मिलते थे,
सार्थक चर्चा करते थे,
न कभी वह थकते थे,
न कभी हम ऊबते थे,
जब सुनाते थे महाभारत,
मन रोमांचित तन पुलकित,
खड़ा हो जाता था रोम रोम,
आज कर गया सबसे राम राम,
।।।जेपीएल।।।