हर परिवार है तंग
सूटकेस के चलन से घटी
टिन के बाक्स की मांग
तमाम कारीगरों के समक्ष
उत्पन्न हुई बेकारी बेलगाम
सूटकेस की तुलना में कई
गुना होती है बाक्स की उम्र
फिर भी लोगों ने उसे चुना
खुद को दिखाने को माडर्न
ठोस और किफायती चीजों
के प्रयोग से हो गया मोहभंग
बाजारु ताकतों के प्रचार से
बढ़े खर्चे, हर परिवार है तंग
अपव्यय की लक्ष्मण रेखा का
नहीं जिस समाज को ध्यान
उसका भला नहीं कर सकते
खुद परमात्मा कृपा निधान