*हर दिल अजीज हम बन पाएं *
प्रभु बस इतनी इनायत हो जाए ,
गलती से भी गलती ना हो पाए ।
सदा रहें अपनों के दिल में ,
हरदिल अजीज हम बन पाएं ।।
जो भी बोलें अच्छा बोलें ,
कानों में मिश्री सी घोलें ।
शब्दों से हम रस बरसाएं ,
हर दिल अजीज हम बन पाएं ।।
ना दुःख किसी को भी पहुंचाएं ,
कल करें सो आज कर जाएं ।
हर इक दिल में बस जाएं ,
हरदिल अजीज हम बन पाएं ।।
हर जन को सुख पहुंचाएं ,
काम कोई ऐसा कर जाएं ।
हर दिल की धड़कन बन जाएं ,
हरदिल अजीज हम बन पाएं ।।
अपने पराए का भेद मिटाएं ,
खुशियों की झड़ी लगाएं ।
एक नहीं सौ बार लगाएं ,
हरदिल अजीज हम बन पाएं ।।
कोई रहे ना अपनों के बिन ,
नफरत की दिवार मिटाएं ।
मिलजुल कर सब प्यार फैलाएं ,
हर दिल अजीज हम बन पाएं ।।