हर तरफ बाज़ार हैं सपनों के ,मत खरीद ।
हर तरफ बाज़ार हैं सपनों के ,मत खरीद ।
ये टिकाऊ नहीं हैं ,जल्द टूटेंगे मत खरीद ।
घबड़ा के यूं न बार बार रास्ते बदल,
राह पहचान और यकीन से आगे बढ़ा चल ।
हर तरफ बाज़ार हैं सपनों के ,मत खरीद ।
ये टिकाऊ नहीं हैं ,जल्द टूटेंगे मत खरीद ।
घबड़ा के यूं न बार बार रास्ते बदल,
राह पहचान और यकीन से आगे बढ़ा चल ।