हर चौराहे पर
दर्द ए दिल मिल रहा शहर के हर चौराहे पर।
अस्मत बहन बेटियों की बिक रही चौराहे पर।।
फैसला अदालत में नहीं खुद को लेना होगा।
लटका दो ऐसे दरिंदों को खुले आम चौराहे पर।।
दर्द ए दिल मिल रहा शहर के हर चौराहे पर।
अस्मत बहन बेटियों की बिक रही चौराहे पर।।
फैसला अदालत में नहीं खुद को लेना होगा।
लटका दो ऐसे दरिंदों को खुले आम चौराहे पर।।