हर चेहरे पर नकाब है
आज के इस मतलबी युग में लोगों के चेहरें पर एक नकाब रहता है जो हर बार बदलता रहता है
हर चेहरे पर नकाब है,
रिश्तों में मतलब बेहिसाब है।
दूर हो तो याद तक ना करें,
और सामने हो तो हर सवाल का जवाब है ।
रिश्तों से मतलब नही मतलब का रिश्ता है,
जो करें वफा और रहे चुप हर बार वही पिसता है ।
जिससे थी वफा की उम्मीद वही बेवफा हुआ
कर खता वो नादान खुद ही खफा हुआ ।
बूढें चेहरों के ऊपर नकली ये शबाब है,
यहां तो हर चेहरे पर नकाब है ।
©नितिन पंडित