हर चीज़ उसे चाहिए फौरन से पेशतर ,
हर चीज़ उसे चाहिए फौरन से पेशतर ,
सब कुछ है उसके पास मगर सब्र नहीं है ।
मायूस हो गया वो खाकर एक ठोकर ,
न लहू निकला,न छाले पड़े पाँव में।
हर चीज़ उसे चाहिए फौरन से पेशतर ,
सब कुछ है उसके पास मगर सब्र नहीं है ।
मायूस हो गया वो खाकर एक ठोकर ,
न लहू निकला,न छाले पड़े पाँव में।