Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2024 · 1 min read

#हर_घर_तिरंगा @हर_घर_तिरंगा @अरविंद_भारद्वाज

हर घर तिरंगा

हर घर लगे तिरंगा अपना
संकल्प यही दोहराएंगें।
लेकर हाथ तिरंगा अपना
ऊँचा हम लहराएगें।।

गर्व से हम सब मिलकर इसको
रोज सलामी देते है।
इससे बढ़कर नहीं है कुछ भी
शपथ आज हम लेते है।
राष्ट्रप्रेम को लोगो में हम
सारी उम्र जगाएगें।
लेकर हाथ तिरंगा अपना
ऊँचा हम लहराएगें।।

विकसित बने हमारा भारत
अखण्ड जोत ये जलाई है।
विश्व स्तर पर भारत को
न्यारी पहचान दिलाई है।
देश प्रेम और भाईचारा
लोगों को हम समझाएंगे।
लेकर हाथ तिरंगा अपना
ऊँचा हम लहराएगें।।

तीन रंगों से मिलकर इसने
जग में शान बढ़ाई है।
हाथ में लेकर जांबाजों ने
दुश्मन पे की चढ़ाई है।
जय हिन्द का प्यारा नारा हम
साथ में मिलकर गाऐंगे।
लेकर हाथ तिरंगा अपना
ऊँचा हम लहराएगें।।

साहस का प्रतीक केसरी
विश्व ने भी यह जाना है।
श्वेत रंग प्रतीक शान्ति
हरियाली को माना है।
मिलकर तीनों बने तिरंगा
हर घर यह बतलाएंगे।
लेकर हाथ तिरंगा अपना
ऊँचा हम लहराएगें।।

© अरविन्द‌ भारद्वाज

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
Bidyadhar Mantry
* मैं बिटिया हूँ *
* मैं बिटिया हूँ *
Mukta Rashmi
4008.💐 *पूर्णिका* 💐
4008.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अमरत्व
अमरत्व
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
Rajesh vyas
जो थक बैठते नहीं है राहों में
जो थक बैठते नहीं है राहों में
REVATI RAMAN PANDEY
5 लाइन
5 लाइन
Neeraj Agarwal
*** सफलता की चाह में......! ***
*** सफलता की चाह में......! ***
VEDANTA PATEL
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
कवि रमेशराज
दिनकर तुम शांत हो
दिनकर तुम शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
VINOD CHAUHAN
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
बदल सकता हूँ मैं......
बदल सकता हूँ मैं......
दीपक श्रीवास्तव
"पता"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई गुरबत
कोई गुरबत
Dr fauzia Naseem shad
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
Dr Archana Gupta
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
Ayushi Verma
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
कभी-कभी रिश्ते सबक बन जाते हैं,
कभी-कभी रिश्ते सबक बन जाते हैं,
पूर्वार्थ
ऐसे जीना जिंदगी,
ऐसे जीना जिंदगी,
sushil sarna
पाँच मिनट - कहानी
पाँच मिनट - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बच्चे मन के सच्चे। ( Happy Children's day)
बच्चे मन के सच्चे। ( Happy Children's day)
Rj Anand Prajapati
शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
Anand Kumar
*गधा (बाल कविता)*
*गधा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...