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13 Jun 2023 · 1 min read

हर गीत हर संगीत

हर गीत हर संगीत,
तुझ पर वारा करती है।
मेरी मुरली की हर तान,
तेरा नाम पुकारा करती है।

मेरे हृदय के सूने आँगन में,
हर ओर उदासी बैठी है।
मेरी तरह मेरी मुरली भी,
तेरे दरस को प्यासी बैठी है।

स्वरों में बिखरे प्रेम के मोती,
चुनने आ जाओ।
कभी तो मेरी मुरली की धुन,
सुनने आ जाओ।

मेरे दरद को गीत बना कर,
सारे जहाँ में गाया करती है।
तेरे विरह में मुझ पर क्या बीती,
एक–एक को सुनाया करती है।

– त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’

Language: Hindi
85 Views
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