हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
जिसकी मिशाल दी जाये वो अंदाज़ बनना है मुझे,
मैं चलूँ तो काफिला खुद-बा-ख़ुद बन जाए,
अपनी ही दुनिया का सरताज़ बनना है मुझे।
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
जिसकी मिशाल दी जाये वो अंदाज़ बनना है मुझे,
मैं चलूँ तो काफिला खुद-बा-ख़ुद बन जाए,
अपनी ही दुनिया का सरताज़ बनना है मुझे।