हर कोई पूछता है
ये कैसी हवा चली, हर कोई पूछता है
क्यों ऐसी घड़ी आ पड़ी, हर कोई पूछता है।।
हर शख्स है डरा सहमा सा यहां
जाने क्या होगा अब, हर कोई पूछता है।।
भाई, बहन को तो बेटा, बाप को नहीं पहचानता
रिश्तों की फिर देते दुहाई क्यों, हर कोई पूछता है।।
इंसानियत के सीने में घोंप रहा खंजर
मानवता है शर्मसार क्यों, हर कोई पूछता है।।
कतारों में आज जल रही हैं चिताएं
है कैसा खौफनाक मंजर ये, हर कोई पूछता है ।।