– हर कोई अजनबी हो रहा है –
– हर कोई अजनबी हो रहा है –
जानते है सब हालत,
पर हर कोई अपनी मस्ती में खो रहा है,
पीड़ाएं जब आई हमारे,
समय था जब हमारा खराब,
समय है जो है गतिशील,
समय पर किसी का जोर न चल पाए,
कल था जो अच्छा समय या आएगा जब अच्छा समय तो अजनबी अनजाने भी जाने,पहचाने हो जाए,
आज देख रहा हु खराब समय में हर कोई अजनबी हो रहा है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184