हर किसी पे भरोसा न कर ,
हर किसी पे भरोसा न कर ,
आंँख बंद करके ।
यहांँ लोग भरोसा तोड़ जाते है ,
अंँधा समझ के।
………….✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी
हर किसी पे भरोसा न कर ,
आंँख बंद करके ।
यहांँ लोग भरोसा तोड़ जाते है ,
अंँधा समझ के।
………….✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी