हर्फ ए मुश्किल है यूं आसान न समझा जाए
हरफे मुश्किल है यूं आसान न समझा जाए।
लड़कियों को कोई सामान न समझा जाए।
हम भी बेटों की तरह जीने का हक रखते हैं।
किसी यलगार का ऐलान न समझा जाए।
हमने भी चांद तक कर ली है सफर ऐ लोगों।
किसी भी इल्म से अनजान न समझा जाए।
हमने तो दीप जलाए हैं सदा दो घर में।
बेटियों को फकत मेहमान न समझा जाए।