हरे खेत खलिहान जहां पर, अब दिखते हैं बंजर,
हरे खेत खलिहान जहां पर, अब दिखते हैं बंजर,
धरती की छाती फटी, किसने फेंका है खंजर
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
हरे खेत खलिहान जहां पर, अब दिखते हैं बंजर,
धरती की छाती फटी, किसने फेंका है खंजर
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”