हरेली तिहार
हरेली तिहार
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लइका सियान जुरमिल के,
हरेली तिहार मनाबो।
नदिया नरवा तरिया म,
गैंती रांपा ल धो आबो।
लकड़ी के पहुँवा ल धरके ,
हमर बबा जगा जाबो।
बांस के लम्बा डंडा के,
उच्चा गेड़ी ल बनाबो।
दीक्षा करही रेंचू रेंचू,
ठिक्की जोर लड़ाबो।
जिज्ञासा करही रेंचू रेंचू।
मिलके मज़ा उड़ाबो।
लइका सियान जुरमिल के,
हरेली तिहार मनाबो।। 2।।
नांगर तिहार के पहली म,
चीला रोटी सब खाबो।
अन धन के भंडार भरय,
पूजा नंगत कराबो।
गौरी गणेश म हुंम देके,
जोड़ा नरियर फोराबो।
ओखर बाद खेत म,
हरियर धान जगाबो।
लइका सियान जुरमिल के,
हरेली तिहार मनाबो।।2।।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”