हरिहर हरिहर जाप
मुख मे तो हरिओम है,मन मे लेकिन पाप !
फिर तो तेरा व्यर्थ है, हरिहर-हरिहर जाप !!
रोजा रखे रसूल तो, ..राम रखे उपवास !
अपना अपना ढ़ंग है,करने का अरदास!
बिना परिश्रम व्यर्थ है ,रात दिवस अरदास !
ऐसे संभव है नहीं ,….होना सफल प्रयास !!
महादेव के लाडले, …..गौरी पुत्र गणेश!
करो अर्चना प्रेम से , इनकी प्रथम रमेश !!
रमेश शर्मा