हरियाली तीज
रंग बदला रूप बदला बदल गई हरियाली तीज ।
अब साथी पास नहीं इसलिए मन में उठी खीज ।।
पुराने रीत बदल गई बदल गए पुराने सब रिवाज।
पुराना समय बीत चुका नये युग का हुआआगाज।।
मिलकर बनाते थे तीज वाह जी वाह क्या बात।
इधर-उधर हुए नए पुराने बिछड गई ज्यूं बारात।।
टोकनी ऊपर चढ़कर खुशी खुशी लगाते ठुमका।
खींचों फोटो खींचों फोटो ना गिर जाएगा झुमका।।
यादे ही ये तसल्ली देती सब ठीक-ठाक है जमाना।
पोशाके बदल गई अब प्लाजो है जो था पाजामा।।
सतपाल को कुछ काम नहीं खड़ा सोचै पानीपत।
खड़ा छंद बना रहा ज्यूं लिखा हो किसी को खत।।
देख कर कुछ तस्वीरें आईना हुआ कुछ ये साफ।
गलती हुई हो तो खतावार कर देना मुझको माफ।।