हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
नन्हा पौधा पल्लवित, जैसे धरती साथ ॥
जैसे धरती साथ, ज्ञान के पथ पर चलता ।
पहला दिन है आज, साथ गुरु प्रथम निकलता ॥
होगा इक दिन खास , ज्ञान से पुष्पित डाली।
सुरभित कर आकाश ,बढ़ायेगा हरियाली ॥